नाक में खुजली चलना या बच्चों के पेट में कीड़ों की समस्या एक आम बात है। होम्योपैथी में इसके लिए टेकुरियम मेरम वेरम (Teucrium MV 30 ) एक प्रभावी दवा है।
यह दवा उन बच्चों के लिए भी फायदेमंद होती है जो फीताकृमि, एस्केरिस, मल-द्वार में खुजली, लगातार नाक बहना आदि लक्षणों से परेशान रहते हैं और उनकी तकलीफ रात में बढ़ जाती है।
ऎसा इसलिए होता है क्योंकि जब ये कीड़े शरीर के विभिन्न आंतरिक भागों में चलते हैं तो श्लेषमक झिल्ली में एक प्रकार की संवेदना या गुदगुदी होती है, जिससे परेशान होकर बच्चा रोता रहता है और धीरे-धीरे कुपोषण का शिकार होने लगता है।
टेकुरियम मेरम वेरम औषधि का प्रयोग रोगियों में उनके लक्षणों के आधार पर आंतरिक व बाह्य रूप से किया जाता है। नाक में खुजली होने पर यह दवा दिन में 3 बार लेनी होती है।
इसके अलावा कीड़ों की समस्या में डॉक्टर शिशु के रोग के मुताबिक निर्घारित पोटेंसी में यह दवा देते हैं
दवा को लेने से पहले किसी होमियोपैथी डॉक्टर की सलाह जरूर लें !
# डॉ सुनील गढ़वाल #
(होमियोपैथी फिजिशियन
# डॉ सुनील गढ़वाल #
(होमियोपैथी फिजिशियन
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