शराब छुड़वाए बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के --------- (Homeopathy for alcohol addiction )



शराब, सिगरेट, ड्रग्स या गुटखा/खैनी का सेवन थोड़ी मात्रा में भी शरीर को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन जब यह लत बन जाता है तो स्थिति काबू से बाहर होने लगती है। लत का मतलब है कि जिस चीज की लत है, वह जब तक न मिले, पीड़ित बेचैन और असामान्य रहता है। जब वह चीज उसे मिल जाए तो वह सामान्य लगने लगता है लेकिन असल में वह अंदर से बेहद कमजोर और बीमार हो चुका होता है।

लत के लक्षण

•घबराहट, बेचैनी, चिड़चिड़ापन •गुस्सा आना, मूड अचानक बदलना •तनाव और मानसिक थकावट •फैसला लेने में दिक्कत •याददाश्त कमजोर पड़ना •चीजों को लेकर कन्फ्यूजन होना •नींद न आना •सिर में तेज दर्द होना •शरीर में ऐंठन और मरोड़ होना •भूख कम लगना •धड़कन का बढ़ना •ज्यादा पसीना आना •बिना बीमारी के उल्टी-दस्त होना

(नोट : ये सारे या इनमें से कुछ लक्षण हो सकते हैं। ये लक्षण किसी दूसरी बीमारी के भी हो सकते हैं।)

लत लगने की वजह •अगर परिवार में कोई नशा करता है तो परिवार के दूसरे सदस्यों खासकर बच्चों में भी नशे की लत की आशंका होती है। •पैरंट्स को लत है तो बच्चों में ऐसे जीन्स होते हैं, जो उन्हें भी उस नशे की तरफ खींचते हैं। •एक्सपेरिमेंट और सेक्स की इच्छा बढ़ाने की कोशिश में भी लोग नशे की तरफ जाते हैं। •घर में कलह रहती है तो लोगों के किसी नशे का सहारा लेने की आदत पड़ सकती है। •खास मौके, जैसे कि फैमिली फंक्शन, फेस्टिवल, कोई खुशी का मौका आदि में कभी-कभी शराब लेने की बात करने वाले लोग धीरे-धीरे नशे के करीब आ सकते हैं।

नशा करने के नुकसान

•परिवार में कलह होनी शुरू हो सकती है और आपसी रिश्ते खराब हो जाते हैं। कई बार नशा तलाक की वजह बनता है। •पहले नशे की चीज और फिर इलाज पर पैसा भी फालतू खर्च होता है। •काम-धंधा छूट जाता है। पैसे की तंगी होने पर नशे का शिकार चोरी जैसे गैर-कानूनी काम भी करने लग सकता है।

अपने ही बनाए नशे के हुए शिकार

कई सालों से गुटखा बनाने का कारोबार चला रहे 52 साल के विजय तिवारी ने शायद कभी सोचा भी नहीं होगा कि जिस जहर को वह बना रहे हैं खुद भी उसके शिकार हो जाएंगे। गुटखे की क्वॉलिटी जांच के लिए इसे लगातार चखने की वजह से तिवारी को इसकी लत लग गई और वह कैंसर के शिकार हो गए। अब उन्होंने गुटखे में इस्तेमाल होने वाली खुशबू बनाने के अपने बिजनेस को बंद करने का फैसला लिया है। तिवारी बताते हैं, 'एक किलो केसर की कीमत 1.6 लाख रुपये है, लेकिन इसकी जगह जिस केमिकल फ्लेवर का इस्तेमाल किया जा सकता है, उसकी कीमत महज 2300 रुपये प्रति किलोग्राम है। असली और नकली चीजों के दाम में इतना बड़ा अंतर होता है, इसलिए कोई भी गुटखा मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी असल खुशबू का इस्तेमाल नहीं करती है।'

कैसे छोड़े तल?

मन में ठानें •जब तक आप खुद नहीं चाहेंगे, कोई और आपका नशा नहीं छुड़ा पाएगा। सबसे पहले मन में ठान लें कि आप नशा छोड़ना चाहते हैं। •शुरू में अपनी बात पर टिए रहने में दिक्कत आएगी, लेकिन अपने मन को मजबूत रखें। •लत छोड़ने की वजहों को दिन में बार-बार मन में दोहराएं। हो सके तो ऐसी जगह पर लिखकर लगा दें, जहां आपकी बार-बार नजर पड़ती हो।

दूरी बनाएं

•कोई भी नशा छोड़ने के लिए पहले उसकी मात्रा कम करें। मसलन शराब का पैग छोटा कर दें या सिगरेट पीने से पहले उसे तोड़कर छोटी कर दें। •अपने पास लाइटर, माचिस, गुटखे की पुड़िया, तंबाकू रखना छोड़ दें। •डायरी बनाएं और उसमें लिखें कि नशा कब और कितनी मात्रा में, किसके साथ लेते हैं। उसे बार-बार पढ़ें। अगर किसी खास मौके या किसी खास शख्स के साथ आप ज्यादा नशा करते हैं तो उसे नजरअंदाज करें। •शराब, सिगरेट या खैनी का पुराना स्टॉक फेंक दें। जब बहुत तलब लगे तो एक सिगरेट या एक पैकेट गुटखा खरीद कर लाएं। ज्यादा पास न रखें। •ऐसे ब्रैंड यूज करें, जो आसानी से हर जगह न मिलते हों। इससे आप दूसरों से अलग भी दिखेंगे और आसानी से लत की चीजें आपको नहीं मिलेंगी। •अपनी ऐशट्रे को साफ न करें। यह आपको याद दिलाती रहेगी कि आपने कितनी सिगरेट पी है। हफ्ते भर में अपनी ऐशट्रे मे बुझी सिगरेट गिनें और निश्चय करें कि अगली बार संख्या कम हो। अगर अलग-अलग जगह पीते हैं तो बुझी सिगरेट की बट अपने साथ घर ले आएं और एक गिलास में सारे बट डालकर रखें, ताकि यह पी हुई सिगरेट की याद आपको दिलाता रहे।

फैमिली व दोस्तों की मदद लें •अपने परिवार का फोटो सामने रखें और उस पर बार-बार निगाह डालकर देखें कि आप परिवार के लिए और परिवार आपके लिए कितनी अहमियत रखता है। •दोस्तों की मदद लें। अपने सभी दोस्तों और परिजनों से कह दें कि आपने शराब, सिगरेट या गुटखा छोड़ दिया है। इनके सेवन के लिए आपको मजबूर न करें। •अकेले न रहें। फैमिली, खासकर छोटे बच्चों हों तो उनके साथ वक्त बिताएं। पालतू डॉग है तो उसके साथ भी वक्त बिता सकते हैं।

इलाज :-होम्योपैथी

होम्योपैथी में नशे की तलब कम करने के लिए नीचे लिखी दवाएं दी जाती हैं :

तंबाकू की इच्छा कम करने के लिए

टबैकम (Tabacum), सेलेनियम (Selenium), कैलेडियम (Caladium), डैफ्ने इंडिका (Daphne Indica)

शराब की इच्छा, साइड इफेक्ट्स कम करने के लिए

क्वेरकस स्प्रिटस ग्लैंडियम P (Quercus Spiritus Glandium P)

हैंगओवर कम करने के लिए

नक्स वोमिका (Nux Vomica)

ड्रग्स की तलब कम करने के लिए

ओपियम 30 (Opium 30), बैनापिस 30 (Bannapis 30), कैनाबिस इंडिका 30 (Cannabis indica 30), सल्फर 30 (Sulphur 30) और नक्स वोमिका (Nux Vomica)

नोट- होम्योपथी में रोग के कारण को दूर करके रोगी को ठीक किया जाता है। प्रत्येक रोगी की दवा उसकी शारीरिक और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना चिकित्सकीय परामर्श यहां दी हुई किसी भी दवा का उपयोग न करें।

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